भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा में 16 से 31 दिसंबर 2024 तक स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा ने निदेशक डॉ. लक्ष्मी कांत के निदेशन में 16 से 31 दिसंबर 2024 तक स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ आयोजित कीं। 16 दिसंबर को अल्मोड़ा और हवलबाग कैंपस में 40 से अधिक कर्मचारियों ने स्वच्छता शपथ ली, और दोनों कैंपस में स्वच्छता पखवाड़ा के पोस्टर लगाए गए। 17 दिसंबर को स्वच्छता जागरूकता दिवस मनाया गया, जिसमें स्वच्छता पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें 25 किसानों ने भाग लिया। 18 दिसंबर को हवालबाग के प्रयोगात्मक क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें सड़क किनारे घास और झाड़ियां साफ की गईं। 19 दिसंबर को स्वच्छता अभियान के तहत हवलबाग और अल्मोड़ा कैंपस में सफाई की गई, जिसमें 200 वर्ग मीटर का क्षेत्र कवर किया गया। 20 दिसंबर को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10 पेकन बादाम के पौधे लगाए गए। 21 दिसंबर को हवलबाग और अल्मोड़ा के आवासीय क्षेत्रों और संस्थान के आस-पास के स्थानों में स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें समुदाय को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
22 दिसंबर को उडियारी गांव में 35 किसानों ने स्वच्छता शपथ ली और स्वच्छता पखवाड़ा के उद्देश्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। 23 दिसंबर को किसान दिवस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 35 किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने भाग लिया। 24 दिसंबर को ज्ञान विज्ञान अकादमी हवलबाग में छात्रों के बीच स्वच्छता पर निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। 25 दिसंबर को उडियारी गांव में 15 महिलाओं ने सफाई अभियान में भाग लिया और 200 वर्ग मीटर क्षेत्र की सफाई की। 26 दिसंबर को जल पुनर्चक्रण और जल संचयन पर जागरूकता अभियान चलाया गया। 27 दिसंबर को अल्मोड़ा के पर्यटन स्थल राम कृष्ण कुटीर और लाइब्रेरी के पास सफाई की गई, जिसमें 400 वर्ग मीटर का क्षेत्र कवर किया गया।
28 दिसंबर को जैविक कचरे से कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया को किया गया गया। 29 दिसंबर को प्लॉगिंग इवेंट और स्वच्छता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें 58 व्यक्तियों ने भाग लिया। 30 दिसम्बर 2024 को स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम में प्रो. जे.एस. रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में कचरा प्रबंधन और पाइन नीडल्स प्रबंधन उपकरणों पर जागरूकता फैलाई। 31 दिसंबर को स्वच्छता पखवाड़ा का समापन किया गया, जिसमें विभिन्न स्वच्छता गतिविधियों का प्रचार-प्रसार किया गया।